12 ـ باب: صفة الصبر وغيرها

Hadith No.: 32

32 - (ق) عَنْ أَبِي مُوسَى الْأَشْعَرِيِّ قَالَ: قَالَ النَّبِيُّ صلّى الله عليه وسلّم: (مَا أَحَدٌ أَصْبَرُ عَلَى أَذًى سَمِعَهُ مِنَ اللهِ [1] ، يَدَّعُونَ لَهُ الوَلَدَ، ثُمَّ يُعَافِيهِمْ وَيَرْزُقُهُمْ) .

अबू मूसा अशअरी (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत है कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : “कोई भी व्यक्ति अथवा कोई भी वस्तु अल्लाह से अधिक किसी ऐसी कष्टदायक बात पर सब्र करने वाली नहीं है, जो उसे सुनाई दे। लोग अल्लाह की संतान होने की बात करते हैं, लेकिन इसके बावजूद अल्लाह उन्हें सुख-शांति और रोज़ी देता है।”

قال تعالى: {لَيْسَ كَمِثْلِهِ شَيْءٌ وَهُوَ السَّمِيعُ الْبَصِيرُ}. [الشورى:11]

[خ7378، (6099)/ م2804]