7 ـ باب: النهي عن البول في الماء الراكد

Hadith No.: 879

879 - (ق) عن أبي هُرَيْرَة: أَنَّهُ سَمِعَ رَسُولَ اللهِ صلّى الله عليه وسلّم يَقُولُ : (لاَ يَبُولَنَّ أَحَدُكُمْ فِي المَاءِ الدَّائِم الَّذِي لاَ يَجْرِي، ثُمَّ يَغْتَسِلُ فِيهِ) .

अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु अंहु) का वर्णन है कि अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमायाः "तुममें से कोई ठहरे हुए पानी में, जो बहता न हो, पेशाब न करे कि फिर उससे नहाए भी।" तथा एक रिवायत में हैः "तुममें से कोई जनाबत की हालत में ठहरे हुए पानी में स्नान न करे।"

[خ239/ م282]